Jewar Airport : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण का काम साल 2021 में जून के महीने में शुरू हुआ था. इस एयरपोर्ट को ज़्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी की तरफ से टाटा प्रोजेक्ट्स के द्वारा बनाया जा रहा है. ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी को इसे चलाने का ठेका मिला है. यह ठेका 40 साल तक का है. यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से एक एफडीआई प्रोजेक्ट है. आपको बता दें इसके निर्माण में लगने वाले समय की उम्मीद 1095 दिन अर्थात 3 साल है.
एक एक्सक्लूसिव बातचीत में सीईओ अरुण सिंह ने बताया था कि पहले दिन हम 50 लाख यात्रियों की उम्मीद कर रहे हैं. एयरपोर्ट से सभी अंतरराष्ट्रीय, घरेलू और कार्गो फ्लाइट पहले दिन से अपनी उड़ान भरेंगी. इसका पहला चरण 30 सितंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद की जा रही है. अगर इसके नाम की बात करें तो इसे जेवर एयरपोर्ट कहा जाता है.

Jewar Airport : बेंगलुरु एयरपोर्ट की ग्रोथ 29 फ़ीसदी
बेंगलुरु एयरपोर्ट की ग्रोथ के बारे में अरुण वीर सिंह का कहना है की वहां की ग्रोथ 29 फ़ीसदी है. जब एक बार उड़ान शुरू हो जाएगी तो नॉएडा एयरपोर्ट की ग्रोथ इसे 15 से 20 फ़ीसदी ज्यादा होगी. और हमें इस बात की भी उम्मीद है कि आने वाले 3 सालों में यह एयरपोर्ट 3 करोड़ यात्री की क्षमता वाला एयरपोर्ट होगा और 5 सालों में या एयरपोर्ट 5 करोड़ यात्रियों की क्षमता वाला एयरपोर्ट हो जाएगा.
उन्होंने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट को ट्रांजिट हब के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है. उन्होंने बताया यह जापान, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर जैसे एशिया-प्रशांत देशों के लिए उड़ान भरने वाली इंटरनेशनल एयरलाइंस बनेगा. ज़्यूरिख़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी ने इसके लिए इंडिगो, स्पाइसजेट, टाटा एयरलाइंस जैसी कई एयरलाइंस के साथ बातचीत की है.
विमानों की बात करें तो भारत में अभी 600 विमान हैं और आने वाले समय में एयरलाइन कंपनी के पास 1200 से ज्यादा विमान होने जा रहे हैं. क्योंकि इंडिगो, एयर इंडिया और स्पाइसजेट ने हाल ही में कुछ नए विमान खरीदने के ऑर्डर दिए हैं. इसलिए ऐसी संभावनाएं हैं कि जेवर को ट्रांजिट हब बनाया जा सकता है जहां से एशिया पेसिफिक देशों के लिए सभी उड़ाने भारत से शुरू की जा सकती हैं.
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