Railway Update : रेलवे बोर्ड में ट्रेन की व्यवस्थाओं के लिए अपनी नीति को बदल दिया है. अब एसी कोचों में गंदी चादर, कंबल की धुलाई और कैटरिंग को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं चलेगी. इन सेवाओं के लिए टेंडर प्रोसेस पर रेलवे बोर्ड ने सख्ती अपना ली है और उसने साफ-साफ यह कहा है कि अब सफर के समय ट्रेनों की सफाई, कैटरिंग, चादर और कम्बल की धुलाई का ठेका 6 महीने से ज्यादा के लिए ना दिया जाए. बोर्ड ने इसके लिए अपने सभी जोनल और आईआरसीटीसी को आदेश जारी कर दिया है. जारी किए गए निर्देशों के अनुसार अब आने वाले समय में चादरों की धुलाई का टेंडर रेलवे बोर्ड द्वारा नई पॉलिसी के तहत किया जाएगा और उसकी मॉनिटरिंग डिवीजन स्तर पर की जाएगी.
जानकारी के अनुसार अभी तक ट्रेनों की सफाई, चादर कंबल की धुलाई और कैटरिंग का जो ठेका दिया जाता था वह 3 साल से लेकर 5 साल के लिए दिया जाता था. समय अवधि के पूरी होने के बाद कोई न कोई जुगाड़ करके फिर दोबारा से ही उसी कंपनी को वो टेंडर दे दिया जाता था. लेकिन अब रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी, उत्तर रेलवे समेत सहित सभी जोन्स को निर्देश जारी कर दिया है कि अब आगे से ऐसा नहीं होगा. अब कोई भी टेंडर 6 माह से ज्यादा के लिए नहीं दिया जाएगा. रेलवे के एक अधिकारी ने इस बारे में यह बताया है कि रेलवे की तरफ से यह तैयारी की जा रही है कि लिनेन वॉशिंग और सफाई का टेंडर सेंट्रलाइज कर दिया जाए जिससे यह प्रक्रिया डिवीजन के बजाय रेलवे बोर्ड से की जाएगी. लेकिन अभी तक इस बारे में सिर्फ सोच विचार ही चल रहा है.

Railway Update : ट्रेन के एसी कोचों में बिना धुले की जा रही चादरों की सप्लाई
ट्रेनों के अंदर गंदी चादर और कंबल का मुद्दा उठाया गया था और अक्टूबर 2022 में किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन में यह खुलासा हुआ था कि ट्रेन के एसी कोचों में चादरों की सप्लाई बिना धुले ही किए जा रही है. जिसके बाद रेलवे ने 6 कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया और इस प्रक्रिया में सुधार करने का दावा भी किया था.
अब जानकारी के अनुसार यात्रियों को और अच्छी सुविधा देने के के लिए यात्री सेवा अनुबंध पॉलिसी लाई जा रही है. पहले चरण में दिल्ली से चलने वाली 245 ट्रेनों में इस नीति की शुरुआत की जाएगी. इसके बाद फिर उसे अलग-अलग डिवीजन में शुरू किया जाएगा और गंदगी, खराब खाना और गंदी चादर की समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा.
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